रविवार, 1 मई 2011

पतला करने वाले हर्बल जुगाड़..सावधान !

काफी समय से यह खबरें तो सुनने में आ ही रही हैं कि कुछ हर्बल दवाईयों में, या कुछ देसी दवाईयों में एलोपैथिक दवाईयों को डाल दिया जाता है जिस के बारे में पब्लिक को कुछ बताया नहीं जाता। इस का परिणाम यह होता है कि उस दवाई से कुछ अप्रत्याशित परिणाम निकलने से लोगों को नुकसान हो जाता है। इस पर मैंने पहले भी बहुत से लेख लिखे हैं।

अभी मैं बीबीसी की साइट पर यह न्यूज़-स्टोरी देख रहा था कि किस तरह से यूरोपीयन देशों में हर्बल दवाईयों पर शिकंजा कसा जा रहा है। अनेकों दवाईयां ऐसी बिक रही हैं जिन की प्रामाणिकता, जिन की सेफ्टी प्रोफाइल के बारे में कुछ पता ही नहीं ...इसलिये वहां पर कानून बहुत कड़े हो गये हैं।
New EU regulations on herbal medicines come into force....(BBC Health)

लेकिन भारत में क्या है, देसी दवाईयों की तो वैसे ही भरमार है, लेकिन जगह जगह पर मोटापा कम करने वाले कैप्सूल, हर्बल दवाईयों के इश्तिहार चटका कर भोली भाली जनता को बेवकूफ़ बनाया जा रहा है।

आज सुबह मैं टीवी पर देख रहा था कि एक हर्बल चाय का विज्ञापन दिखाया जा रहा था ... दो महीने के लिये 2000 रूपये  का कोर्स –मोटापा घटाने के लिये इसे रोज़ाना कईं बार पीने की सलाह दी जा रही थी। और विज्ञापन इतना लुभावना की मोटापे से परेशान कोई भी शख्स कर्ज़ लेकर भी इस खरीदने के लिये तैयार हो जाये।

मैं उस विज्ञापन को देखता रहा –बाद में जब उस में मौजूद पदार्थों की बात आई तो बहुत बढ़िया बढ़िया नाम गिना दिये गये ..जिन्हें सुन कर कोई भी प्रभावित हो जाए... और साथ में इस चाय में चीनी हर्बल औषधियों के डाले जाने की भी बात कही गई।

इस तरह के हर्बल प्रोडक्ट्स से अगर विकसित देशों के पढ़े लिखे लोग बच नही पाये तो इस देश में किसी को कुछ भी बेचना क्या मुश्किल काम है?
वजन कम करने वाली दवाईयों के बारे में चेतावनी 

बात केवल इतनी सोचने वाली है कि ऐसा क्या फार्मूला कंपनियों के हाथ लग गया कि इन्होंने एक चाय ही ऐसा बना डाली जिस से इतना वज़न कम हो जाता हो......मेरी खोजी पत्रकार जैसी सोच तो यही कहती है कि कुछ न कुछ तो लफड़ा तो होता ही होगा.....अगर सब कुछ हर्बल-वर्बल ही है तो इस देश में इतने महान् आयुर्वैदिक विशेषज्ञ हैं, वे क्यों इन के बारे में नहीं बोलते ....क्यों यह फार्मूला अभी तक रहस्य ही बना हुआ है?

पीछे भी कुछ रिपोर्टें आईं थीं कि मोटापे कम करने वाले कुछ उत्पादों में कुछ ऐसी एलोपैथिक दवाईयों की मिलावट पाई गई जिस से भयंकर शारीरिक परेशानियां इन्हें खाने वालों में हो गईं........तो फिर इस से सीख यही लें कि ऐसे ही हर्बल वर्बल का लेबल देख कर किसी तरह के झांसे में आने से पहले कम से कम किसी की सलाह ले लें, और अगर हो सके तो ऐसी हर्बल दवाई की लैब में जांच करवा लें, लेकिन क्या ऐसी जांच वांच करवाना सब के वश की बात है!!

9 टिप्‍पणियां:

  1. कोई भी शख्स कर्ज़ लेकर भी इस खरीदने के लिये तैयार हो जाये।
    हा हा डा.साब सही पकड़ा जी :)

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  2. चोपड़ा जी,
    नमस्कार !
    आप का शक् १०० प्रतिशत सही है ! ये काफी देर से हो रहा है !
    और इससे नुक्सान ही हो रहा है ! ये हंसी की नही गम्भीर बात है !
    खुश और स्वस्थ रहें !
    अशोक सलूजा !

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  3. इन वज़न कम करने वाली दवाओं में sibutramine की मात्रा होती है ठीक उसी तरह जैसे यौन शक्ति बढ़ाने वाली दवाओं में slidenafil की.. कद लंबा करने वाली हर्बल दवाओं में steroids की मिलावट की जाती है. यह सब करने की हिम्मत इनके निर्माताओं में इसलिए आ जाती है क्योंकि हर्बल/आयुर्वेदिक दवाओं पर सरकारी नियम कायदों का ढीला ढाला ढाँचा. अगर नियम कड़े किये जाएँ तो हर्बल/आयुर्वेदिक दवाओं का असली चमत्कार देखने को मिले. allopathic (अंग्रेजी) दवाइयाँ कई जगह नाकाम साबित होती है वहाँ आयुर्वेदिक दवाएं अपना काम बखूबी करती हैं.

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  4. मिर्गी का इलाज़ करनेवाले बाबा और ओझा लोग लम्बे समय से जो भभूत देते आ रहे हैं उसमें lemotrigine, sodium valproate, carbamazepine वगैरह मिली होती हैं यह बात कई जांच में सामने आ चुकी हैं पर कोई ध्यान नहीं देता.
    इस देश में सब चलता है.

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  5. चोपडा साहब ...हर्बल दवाईयों के इश्तिहार चटका कर भोली भाली जनता को बेवकूफ़ बनाया जा रहा है। अजी इस भोली भाली जनता को ओर लोग साधू संत भी तो बेवकूफ़ बनाते हे, नेता भी बनाते हे, ठग भी बनाते हे.... इन सब के बाद भी अकल नही आई.... इस लिये इन भिली भाली जनता को समझाना बहुत कठिन हे

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  6. प्रवीण जी नमस्ते!
    जानकारी भरे लेख के लिय बहुत बहुत शुक्रिया.....
    जहाँ तक मुझे जानकारी है चाय खुद एक डाई युरेटिक पेय है जिसे अगर सिर्फ पानी के साथ (ब्लेक टी )पीया जाये तो शरीर में वसा की मात्रा कम हो जाती है....
    मोटापा घटाने के लिए कोई स्पेशल चाय की जरूरत नहीं है
    :)

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  7. मार्केट में आई हुई टाइगर किंग क्रीम जो कि नमन इंडिया की कंपनी बना रही है टाइगर पावर जो कि अमन फार्मास्यूटिकल बना रही है मुरादाबाद की कंपनी है इन सबके क्रिमों में लिडोकेन और बेंजोकेन और यह आयुर्वेद के नाम पर लोगों को लूट रहे है और मार्केट में धड़ल्ले से बेच रहे जल्द से जल्द इसकी जांच की जाए लगभग ऐसा सारा काम मुरादाबाद में हो रहा है

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  8. मार्केट में आई हुई टाइगर किंग क्रीम जो कि नमन इंडिया की कंपनी बना रही है टाइगर पावर जो कि अमन फार्मास्यूटिकल बना रही है मुरादाबाद की कंपनी है इन सबके क्रिमों में लिडोकेन और बेंजोकेन और यह आयुर्वेद के नाम पर लोगों को लूट रहे है और मार्केट में धड़ल्ले से बेच रहे जल्द से जल्द इसकी जांच की जाए लगभग ऐसा सारा काम मुरादाबाद में हो रहा है

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