शनिवार, 12 मार्च 2016

रेलवे एग्ज्यूकेटिव हेल्थ चेक अप कैंप लखनऊ में


आज उत्तर रेलवे चिकित्सा विभाग की और से लखनऊ मंडल के मंडल रेल प्रबंधक श्री ए के लाहोटी की प्रेरणा से, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा अर्चना गुप्ता के कुशल मार्गदर्शन एवं  फिजिशियन डा.अमरेन्द्र कुमार एवं उन के साथ अस्पताल की सारी टीम के सहयोग से एक एग्ज़ीक्यूटिव हेल्थ चेक-अप प्रोग्राम आयोजित किया गया... इसे लखनऊ उत्तर रेलवे की ऑफीसर्ज़ क्लब में रखा गया था।


यह हेल्थ चेक-अप कैंप रेलवे के अधिकारियों एवं उन के परिवारजनों के लिए आयोजित किया गया था.. जिस का थीम ही यही था...Health at your doorstep - आप स्वस्थ, रेल स्वस्थ।

उत्तर रेलवे अन्य कर्मचारियों के लिए भी नियमित हेल्थ चैक-अप कैंप दफ्तरों में, हेल्थ यूनिटों में और विभिन्न रेल कारखानों में इस तरह के हेल्थ चैक-अप आयोजित करती रहती है ...मुझे ध्यान आ रहा कि जून २०१५ में तो रेल मंत्रालय की एक बेहतरीन पहल के अंतर्गत देश भर में रेलवे स्टेशनों पर भी रेल कर्मचारियों, परिवारों एवं यात्रियों के लिए भी इस तरह के हेल्थ कैंप लगाए गये थे....इस के साथ साथ स्वच्छता अभियान भी चलता रहा।
(बाएं से)..डा अर्चना गुप्ता, सीएमएस, श्रीमति ओझा, श्रीमति लाहोटी, डीआर एम श्री लाहोटी, एडीआरएम श्री ओझा 
डी आर एम श्री अनिल लाहोटी नियमित हेल्थ चेकअप के लिए सभी को प्रेरित करते हुए 
मंडल रेल प्रबंधक श्री ए के लाहोटी उद्घाटन समारोह के गेस्ट ऑफ ऑनर थे... उन्होंने आने वाले सभी अधिकारियों एवं परिवारों को साल में एक दिन हेल्थ चेकअप करवाने के लिए प्रेरित किया क्योंकि अगर रेलवे से जुड़े अधिकारी सेहतमंद रहेंगे तो ही रेलें भी स्वस्थ रह पाएंगी.. सही बात है रेलों के उत्तम परिचालन के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि सभी सेहतमंद रहें। उन्होंने यह भी इच्छा व्यक्त की कि इस तरह के आयोजन हर वर्ष होने चाहिए..
श्रीमति मीनू लाहोटी अध्यक्षा उ रे महिला कल्याण संगठन लखनऊ अपने विचार रखते हुए 
श्रीमति मीनू लाहोटी, अध्यक्षा, उत्तर रेलवे महिला कल्याण संगठन द्वारा इस चेक-अप कैंप का उद्घाटन किया गया..
उन्होंने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोग वार्षिक चैक-अप के लिए हज़ारों रूपये खर्च करते हैं लेिकन फिर भी उन पैकेजों की अपनी कुछ न कुछ सीमाएं होती हैं लेिकन यह एक ऐसा बढ़िया आयोजन हो रहा है कि सभी विशेषज्ञ एवं अन्य सेहतकर्मी आप के पास आये हैं इसी उद्देश्य के साथ कि आप स्वस्थ, रेल स्वस्थ ...इस का पूरा फायदा उठाना चाहिए।
डा अर्चना गुप्ता, सी एम एस अपनी बात रखते हुए....इन के साथ खड़े हैं डा अमरेन्द्र 
उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के चिकित्सा विभाग की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक,  श्रीमति अर्चना गुप्ता ने भी आने वाले सभी अधिकारियों एवं उन के परिवार का स्वागत किया .. और इस तरह के आयोजन के उद्देश्य के बारे में बताया कि रेल अधिकारी हमेशा काम में व्यस्त रहते हैं, अपने लिए, परिवार के लिए उतना समय नहीं निकाल पाते, अपनी सेहत के प्रति तो इतना ध्यान दिया ही नहीं जाता ...और जब नियमित चेक-अप की बात आती है तो सब से बड़ी चुनौती यही होती है अकसर लोगों के लिए कि अलग अगल तरह के िवशेषज्ञों से मिलना, तरह तरह के टेस्ट करवाना, देखा जायेगा फिर कभी ...लेकिन अब उस का भी समाधान इस तरह के बेहतरीन आयोजन के रूप में निकाल लिया गया है।

डा कमल किशोर पैथोलॉजिस्ट लैब स्टाफ का उत्साहवर्धन करते हुए..
उस के बाद आने वाले सभी लोगों ने अपना पंजीकरण करवाया...सब से पहले जो लोग खाली पेट आये हुए थे, उन्होंने अपने रक्त का सैंपल दिया ..जो लोग खाली पेट नहीं भी थे, उन के भी रक्त का सेंपल लिया गया...इस से उन के विभिन्न टेस्ट किए जायेंगे जैसे कि हीमोग्लोबिन, ब्लड-ग्रुप, ब्लड-शूगर (खाली पेस्ट या रेंडम, जैसा भी मरीज रहा हो), लिपिड प्रोफाइल, थॉयरायड फंक्शन टेस्ट आदि।
   रक्त की जांच के लिए यहां पूरी सावधानी एवं स्वच्छता से सैंपल लिए गये 
लैब के सभी कामों को डा कमल किशोर,  पैथालाजिस्ट उत्तर रेलवे देख रहे थे ..

कान नाक गला रोग विशेषज्ञ डा ह्यंकी
ईनटी रोग विशेषज्ञ डा ह्यंकी ने ईएनटी रोगों के लिए रोगों की जांच की और उन का मार्गदर्शन किया कि वे सामान्य ईएनटी रोगों से कैसे बच सकते हैं।
दंत चिकित्सक
दंत रोग चिकित्सक (इस पोस्ट के लेखक) ने मुंह के रोगों की जांच की ... और उचित मार्गदर्शन किया..कैसा अनुभव रहा, किस तरह की तकलीफ़ें पाई गईं, इस के लिए एक अलग पोस्ट लिखूंगा..


हड़्डी रोग विशेषज्ञ डा रस्तोगी 
बीएमडी काउंटर 

हड्डी रोग विशेषज्ञ डा रस्तोगी ने लोगों की जांच की और मैंने देखा कि वे लोगों को विभिन्न हड्डी रोग के रोगों से बचने के लिए नियमित व्यायाम के साथ साथ कुछ विशेष एक्सरसाईज़ भी बता रहे थे। एक काउंटर आने वालों की BMD ..Bone Mineral Density चैक करने के लिए भी था, पैर के तलवे की तरफ़ एक सेंसर ऱखते ही कंप्यूटर पर रीडिंग आ रही थी...मैंने भी यह टेस्ट करवाया ..


आंखों के विशेषज्ञ डा हक ने आंखों का निरीक्षण किया, चश्मे की ज़रूरत के लिए भी प्रारंभिक जांच की, और आंखों के अंदरूनी हिस्से (फंडस) की भी जांच की । 

 सीएमएस डा गुप्ता, डा रितु सिंह महिलाओं का मार्गदर्शन करते हुए
डा उर्मी सरकार जो कि शिशुरोग विशेषज्ञ हैं, उन्होंने बच्चों को देखा और डा रितु सिंह जो महिला रोग विशेषज्ञ हैं उन्होंने डा अर्चना गुप्ता की कुशल देख रेख में महिलाओं को उन के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों के बारे में उचित सलाह दी। शायद मैं यहां यह लिखना भूल गया कि डा अर्चणा गुप्ता जो कि उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक  हैं, वे एक कुशल हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर के साथ साथ एक प्रतिष्ठित एवं बेहद अनुभवी महिला रोग विशेषज्ञ हैं।
बच्चों और उन के पेरेन्ट्स ने शिशु रोग विशेषज्ञ डा उर्मी सरकार को खूब व्यस्त रखा 
 डा सुमित और डा महिमा घोष ने फिजिशियन मोर्चा संभाले रखा ..
कैंप में फिज़िशियन वाला कोना डा अमरेन्द्र की देख रेख में उन के सहयोगियों डा सुमीत सहगल और महिला डा. महिमा घोष की निरंतर मेहनत की वजह से खूब व्यस्त रहा। ईसीजी तक की सुविधा भी कैंप के दौरान उपलब्ध थी.. ईसीजी को फिजिशियन तुरंत देख कर उचित सलाह दे रहे थे। वजन करने की मशीनें भी थीं।
इस अनुभवी टीम ने डिजीटल ईसीजी पर अपनी सेवाएं दीं...
मैंने एक अधिकारी की कैंप वाले पर्चे पर एक अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट देखी तो पता चला कि जिन लोगों को इस तरह के टेस्ट की ज़रूरत थी, उन का इस तरह का टैस्ट भी आज ही अस्पताल में करवा दिया गया....निःसंदेह एक बहुत अच्छी पहल, वरना होता ऐसा है कुछ बार कि टेस्ट वाले दिन तो मरीज भी जोश में होते है, एक दूसरे से प्ररेणा लेते हुए सब कुछ एक साथ हो जाता है, वरना कुछ दिनों बाद फिर वही समय नहीं है, फिर देख लेंगे, अभी कोई तकलीफ़ नहीं है, इस तरह के बहाने हम अपने आप ही से करने लगते हैं, है कि नहीं?

सर्जन भी इस कैंप का हिस्सा थे... जो सर्जीकल परामर्श दे रहे थे..



एक बात जो बहुत प्रशंसनीय लगी वह यह थी कि सारे कैंप के दौरान एक ऑडियोविजुएल के द्वारा जीवनशैली से संबंधित कुछ न कुछ अच्छी बातें लोगों को बताई जाती रही...और वे बड़े प्रभावशाली विजुएल्स लग रहे थे..यह एक कंपनी के सहयोग से किया गया था। आने वाले सभी अधिकारियों एवं परिवारीजनों ने इन ऑडियोविजुएल्स को देखने में बड़ी रुचि ली।

नॉन मैडीकल लोगों की बात तो कर ली, डाक्टरों ने कुछ कुछ जांच करवाने में अपनी रूचि दिखाई...मेरे जैसे लोगों पर तो वह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है कि पर-उपदेश कुशल बहुतेरे....लोगों को नियमित जांच के लिए हमेशा प्रेरित किया करता हूं ...लेकिन अपनी जांच टालता रहता हूं...आप हैरान होंगे कि मैंने अपनी पिछली जांच २००७ में करवाई थीं. ...बस ऐसे ही टालमटोल करता रहा ...लेिकन आज इतना बढ़िया आयोजन देख कर मुझे लगा कि बहती गंगा में मैं भी हाथ धो ही लूं....मैंने भी इतने वर्षों बाद अपनी जांच करवाई...यह बहुत ज़रूरी तो है ही ..

मैंने यह पोस्ट क्यूं लिखी है और मैं इस के अनुभव मैं आप से इसलिए बांटना चाहता हूं कि शायद कुछ लोग इसे पढ़ कर अपने नियमित चेक-अप के लिए प्रेरित हो जाएं... और दूसरा यह कि इस तरह के बेहतरीन आयोजन - बिल्कुल एक परफेक्ट हेल्थ कैंप नियमित होते रहने चाहिए....हर महीने इस तरह के कैंप कहीं न कहीं, किसी कार्यस्थल पर या किसी रेलवे स्टेशन या किसी रेल कारखाने, यार्ड, हेल्थ यूनिट में होते रहने चाहिए... मेरा यही सुझाव है .. और मैं तो इस तरह के प्रोग्रामों के िलए सदैव तत्पर हूं..

ऊब गये होंगे आप इतनी लंबी रिपोर्ट पढ़ के ... कोई बात नहीं, इस की भरपाई मैं ज्वार भाटा फिल्म का एक सुपर-डुपर हिट अपना पसंदीदा गीत सुना कर किए देता हूं... मेरे लिए यह एक भजन के समान है...मैं इसे कितनी भी बार सुन लूं ..बिल्कुल भी नहीं ऊबता... आप भी सुनिए... वैसे सेहतमंद रहने के बहुत से फंडे तो इस गीत में भी हैं...मैं तो इसे सुनते ही मस्त हो जाता हूं..